नया AI फोटो शेयरिंग PicSee App: अब दोस्तों की अनदेखी तस्वीरें ऐसे पाएं!

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक नई क्रांति आ गई है। Koo ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने बेंगलुरु-बेस्ड बिलियन हार्ट्स सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज के तहत दुनिया का पहला AI-संचालित म्यूचुअल फोटो शेयरिंग ऐप ‘PicSee App लॉन्च किया है। यह ऐप दोस्तों की गैलरी में छिपी आपकी अनदेखी तस्वीरों को ऑटोमैटिक तरीके से ढूंढकर शेयर करता है, बिना किसी मैनुअल झंझट के।

क्या है PicSee App और क्यों पड़ी इसकी ज़रूरत?

PicSee का ‘देकर पाओ’ मॉडल फोटो शेयरिंग को बिल्कुल नया आयाम देता है। AI और फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से ऐप आपकी गैलरी स्कैन करता है, दोस्तों की तस्वीरें पहचानता है और उन्हें पर्सनलाइज्ड इनवाइट भेजता है—जैसे, “मेरे पास तुम्हारी 75 तस्वीरें हैं, PicSee पर आकर लो।” इनवाइट स्वीकार करने पर दोनों तरफ से फोटोज एक्सचेंज हो जाती हैं। लॉन्च के सिर्फ तीन महीनों में यूजर्स की संख्या 75 गुना बढ़ चुकी है, और 27 देशों के 160+ शहरों में यह ऐप पॉपुलर हो रहा है। अब तक 1.5 लाख से ज्यादा तस्वीरें शेयर हो चुकी हैं, जिसमें 30% यूजर्स के पास अपनी गैलरी से ज्यादा फोटोज PicSee पर हैं।

PicSee ऐप इसी समस्या को हल करता है। यह एक अनोखे ‘देकर पाओ’ (Give to Get) एक्सचेंज मॉडल पर काम करता है।

फ्री AI इमेज जेनरेटर

PicSee कैसे काम करता है?

पिकसी की कार्यप्रणाली AI और फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है।

  1. स्कैन और पहचान: ऐप यूज़र की गैलरी को स्कैन करता है और AI का उपयोग करके तस्वीरों में मौजूद दोस्तों को पहचानता है।
  2. ऑटोमैटिक इनवाइट: यह पहचाने गए दोस्तों को एक पर्सनलाइज़्ड इनवाइट भेजता है, जैसे: “मेरे पास तुम्हारी 75 अनदेखी तस्वीरें हैं, उन्हें PicSee पर आकर लो।”
  3. म्यूचुअल एक्सचेंज: जब दोस्त इस इनवाइट को स्वीकार करते हैं, तो वे सुरक्षित रूप से अपनी गैलरी से आपकी तस्वीरें शेयर करते हैं, और बदले में अपनी अनदेखी तस्वीरें पा लेते हैं।

यह एक स्मार्ट, सुरक्षित और ऑटोमैटिक फोटो एक्सचेंज बनाता है, जहाँ किसी मैन्युअल चयन या अपलोड की ज़रूरत नहीं होती।

AI प्राइवेसी और सिक्योरिटी टिप्स

प्राइवेसी और सुरक्षा है पहली प्राथमिकता

प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हुए PicSee को डिजाइन किया गया है। कोई भी फोटो सर्वर पर स्टोर नहीं होती—सब कुछ यूजर के डिवाइस पर रहता है और ट्रांसफर एन्क्रिप्टेड होता है। ऐप में 24 घंटे की रिव्यू विंडो है, जहां आप शेयरिंग से पहले फोटोज हटा सकते हैं। साथ ही, स्क्रीनशॉट ब्लॉक और बाद में फोटोज रिकॉल करने का ऑप्शन इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित फोटो ऐप्स में शुमार करता है। मयंक बिदावतका कहते हैं, “दुनिया में 15 ट्रिलियन फोटोज हैं, हर साल 2 ट्रिलियन नई क्लिक्स होती हैं, लेकिन ज्यादातर शेयर नहीं होतीं। PicSee इस कमी को पूरा करता है—बिना ट्रैकिंग, बिना क्लाउड स्टोरेज।”

  • नो सर्वर स्टोरेज: PicSee सर्वर पर कोई फोटो स्टोर नहीं करता। सभी तस्वीरें यूज़र के डिवाइस पर ही रहती हैं और ट्रांसफर के दौरान एन्क्रिप्टेड होती हैं।
  • समीक्षा अवधि: साझा करने से पहले यूज़र्स को 24 घंटे की रिव्यू विंडो मिलती है, जिससे वे किसी भी तस्वीर को हटा सकते हैं।
  • सुरक्षित ट्रांसफर: ऐप में स्क्रीनशॉट ब्लॉक फीचर है, और साझा की गई तस्वीरों को बाद में वापस लेने का विकल्प भी मौजूद है।

तेजी से बढ़ रही लोकप्रियता

जुलाई 2025 में सॉफ्ट लॉन्च के बाद से ही PicSee तेजी से लोकप्रिय हुआ है।

  • तेज़ ग्रोथ: सिर्फ़ तीन महीनों में यूज़र्स की संख्या 75 गुना बढ़ गई है।
  • व्यापक पहुँच: यह अब 27 देशों और 160 से अधिक शहरों में इस्तेमाल हो रहा है।
  • डेटा: अब तक 1.5 लाख से अधिक तस्वीरें शेयर की जा चुकी हैं, और लगभग 30% यूज़र्स के पास PicSee पर अपनी गैलरी से भी ज्यादा तस्वीरें हैं।

संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा, “पिकसी दुनिया के सबसे व्यापक वास्तविक उपभोक्ता एआई अनुप्रयोगों में से एक है। हम तस्वीरों के माध्यम से लोगों की यादें और खुशी लौटा रहे हैं।”

AI फोटो एडिटिंग टूल्स

PicSee ऐप iOS और Android दोनों पर उपलब्ध है, और भारत समेत ग्लोबल मार्केट में पब्लिक बीटा के रूप में डाउनलोड किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि PicSee फोटो शेयरिंग को WhatsApp या Instagram जैसी प्लेटफॉर्म्स से अलग, ज्यादा प्राइवेट और स्मार्ट बना सकता है। अगर आप भी दोस्तों की पार्टी या ट्रिप की अनदेखी तस्वीरें ढूंढ रहे हैं, तो PicSee आज ही ट्राई करें। क्या यह 2025 का अगला बड़ा AI ऐप बनेगा? आने वाले दिनों में पता चलेगा।