भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल युग के साथ, साइबर ठगी के तरीके भी लगातार बदल रहे हैं। अब जालसाज लोगों को ई-सिम फ्रॉड (eSIM) फ्रॉड के जाल में फंसा रहे हैं। कानपुर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कारोबारी के सिम कार्ड को ई-सिम में बदलकर उनके बैंक खाते से ₹1.26 करोड़ से ज्यादा की रकम उड़ा ली गई। यह घटना बताती है कि कैसे एक छोटी सी गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
कैसे हुई ₹1.26 करोड़ की ठगी?
कानपुर के एक लॉजिस्टिक कारोबारी को पहले पीएम किसान योजना, आधार अपडेट और बैंक चालान जैसे विषयों पर कई APK फाइलें भेजी गईं। इसके बाद उन्हें एक मैसेज मिला जिसमें सिम बदलने का आदेश होने की जानकारी दी गई और अगर वे ऐसा नहीं चाहते तो ‘नो सिम’ लिखकर 121 पर भेजने को कहा गया। मैसेज के अनुसार कार्रवाई करने के कुछ ही देर बाद, उनका सिम कार्ड निष्क्रिय हो गया।
जब कारोबारी ने एयरटेल e-Sim स्टोर पर जाकर इसकी जानकारी ली, तो पता चला कि उनके फिजिकल सिम को ई-सिम में बदल दिया गया था। इसी दौरान, जालसाजों ने उनके बैंक खाते से ₹1.26 करोड़ से अधिक की राशि मुंबई के बैंक खातों में ट्रांसफर कर ली। इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधी अब तकनीकी धोखाधड़ी के नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

क्या है ई-सिम (eSIM) और कैसे काम करता है?
ई-सिम, यानी ‘एम्बेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल’, एक डिजिटल सिम है जो आपके स्मार्टफोन में पहले से ही लगा होता है। यह एक फिजिकल सिम कार्ड की तरह ही काम करता है लेकिन इसे बदलने या डालने की जरूरत नहीं होती। ई-सिम कई फायदे देता है, जैसे कि इंटरनेशनल रोमिंग के दौरान अलग-अलग प्लान्स को आसानी से स्विच करना और एक ही डिवाइस पर दो अलग-अलग नंबरों का उपयोग करना।
हालांकि, इसी सुविधा का फायदा उठाकर जालसाज लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे सोशल इंजीनियरिंग और फ़िशिंग के जरिए यूजर्स को धोखा देते हैं और उनके फोन नंबर पर नियंत्रण हासिल कर लेते हैं। एक बार जब वे आपके सिम को ई-सिम में बदल देते हैं, तो आपका नंबर उनके डिवाइस पर एक्टिवेट हो जाता है, जिससे वे आपके बैंक खातों से जुड़े OTP (वन-टाइम पासवर्ड) प्राप्त कर सकते हैं और आसानी से पैसे निकाल सकते हैं।
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ई-सिम फ्रॉड से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- अनजान लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी अनजान नंबर या ईमेल से आए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। विशेषकर उन लिंक्स पर जो पीएम किसान योजना या आधार अपडेट जैसी सरकारी योजनाओं के नाम पर भेजे गए हों।
- संदेहास्पद मैसेज का जवाब न दें: अगर आपको सिम बदलने या एक्टिवेट करने से संबंधित कोई मैसेज आता है जिसे आपने खुद अनुरोध नहीं किया है, तो उसका जवाब न दें। सीधे अपने सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें।
- व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: बैंक अकाउंट नंबर, आधार, या OTP जैसी संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
- ऑफिशियल तरीकों का ही इस्तेमाल करें: एयरटेल और जियो जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों को ई-सिम एक्टिवेशन के लिए ऑनलाइन और ऐप-आधारित तरीकों की सलाह देती हैं। इन तरीकों में सीधे ऐप या आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्रक्रिया पूरी करना शामिल है। किसी भी अन्य तरीके पर भरोसा न करें।
- सिम कार्ड निष्क्रिय होने पर तुरंत कार्रवाई करें: अगर आपका सिम कार्ड अचानक काम करना बंद कर दे, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत अपने टेलीकॉम ऑपरेटर के ग्राहक सेवा केंद्र या स्टोर पर जाकर इसकी जांच करें और अपने बैंक खातों की भी जांच करें।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल जागरूकता ही इस तरह की ठगी से बचने का एकमात्र उपाय है। अपने मोबाइल और बैंक खातों को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सतर्क रहें।
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