उत्तर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 (Nandini Krishak Samriddhi Yojana 2025)। यह योजना राज्य के पशुपालकों और किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है, जिससे वे उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं को पालकर अपनी आय बढ़ा सकें। यदि आप डेयरी फार्मिंग शुरू करने या उसे विस्तार देने की सोच रहे हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए है। यहाँ हम आपको इस सरकारी योजना की पूरी जानकारी देंगे, जिसमें आवेदन प्रक्रिया, मिलने वाले लाभ, पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेज़ शामिल हैं।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना क्या है? (What is Nandini Krishak Samriddhi Yojana?)
उत्तर प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से “नंद बाबा दुग्ध मिशन” के तहत नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (Nandini Krishak Samriddhi Yojana) की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य में उच्च उत्पादन क्षमता वाले दुधारू गोवंश का संवर्धन करना है। इसके माध्यम से किसानों को उन्नत नस्ल की गायों की इकाइयाँ स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह पहल न केवल पशुधन विकास को प्रोत्साहित करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर भी पैदा करती है, जिससे किसानों की आय में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है।
यह योजना खासकर उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए डिज़ाइन की गई है जो आधुनिक डेयरी फार्मिंग को अपनाना चाहते हैं। इसका उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे कम लागत में अधिक दुग्ध उत्पादन हो सके। सरकार का मानना है कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका और भी सुदृढ़ होगी।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के प्रमुख उद्देश्य (Key Objectives of Nandini Krishak Samriddhi Yojana)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 को कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, ताकि उत्तर प्रदेश के पशुपालक और डेयरी उद्योग सशक्त हो सकें:
- उच्च क्षमता वाले गोवंश का संवर्धन: योजना का प्राथमिक उद्देश्य राज्य में साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातीरी जैसी उन्नत भारतीय नस्लों की गायों को बढ़ावा देना है। ये नस्लें अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं।
- दुग्ध उत्पादन में वृद्धि: उन्नत नस्ल की गायों को बढ़ावा देकर राज्य की समग्र दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाना। इससे न केवल स्थानीय मांग पूरी होगी, बल्कि निर्यात की संभावनाएँ भी बढ़ेंगी।
- किसानों की आय में वृद्धि: पशुपालकों को वित्तीय सहायता और आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उनकी आय के स्रोतों को मजबूत करना, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
- रोजगार के अवसर पैदा करना: डेयरी फार्मिंग इकाइयों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाना ताकि वे अपनी डेयरी इकाइयों का सफलतापूर्वक संचालन कर सकें और सरकार पर उनकी निर्भरता कम हो।
- वैज्ञानिक पशुपालन को प्रोत्साहन: किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक पशुपालन पद्धतियों से परिचित कराना, जिससे वे कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें और पशुओं के स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सकें।
ये उद्देश्य मिलकर उत्तर प्रदेश को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने और ग्रामीण विकास को गति देने में सहायक होंगे।
योजना के तहत मिलने वाले मुख्य लाभ और वित्तीय सहायता (Main Benefits and Financial Assistance under the Scheme)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना दो मुख्य इकाइयों के तहत पशुपालकों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उन्हें डेयरी फार्मिंग शुरू करने या उसका विस्तार करने में मदद मिलती है। ये इकाइयाँ और उनके लाभ इस प्रकार हैं:
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (25 दुधारू पशु इकाई)
यह योजना उन बड़े पशुपालकों के लिए है जो 25 दुधारू गोवंश की इकाई स्थापित करना चाहते हैं।
- पात्र नस्लें: साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातीरी गायें। गंगातीरी नस्ल की अधिकतम पाँच गायें प्रति इकाई अनुमेय होंगी।
- परियोजना लागत:
- अनुदान (सब्सिडी): कुल परियोजना लागत का 50% अनुदान देय होगा।
- 25 साहीवाल, गिर, या थारपारकर गोवंश वाली इकाई के लिए अधिकतम ₹31,25,000।
- 20 साहीवाल, गिर, या थारपारकर गोवंश के साथ 5 गंगातीरी गोवंश वाली इकाई के लिए अधिकतम ₹30,50,000।
- वित्त-पोषण मॉडल: इकाई स्थापना हेतु लाभार्थी का अंश 15%, बैंक ऋण 35%, और अनुदान 50% होगा।
अनुदान प्रक्रिया (तीन चरणों में):
- प्रथम चरण: परियोजना लागत का 25% (आधारभूत संरचना तैयार होने के बाद और सत्यापन उपरांत)।
- द्वितीय चरण: परियोजना लागत का 12.5% (25 दुधारू गोवंश के क्रय और सत्यापन के बाद)।
- तृतीय चरण: परियोजना लागत का 12.5% (25 दुधारू गोवंश में से कम से कम 10 संतति (बछड़े) उत्पन्न होने के बाद)।
3.2. मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (10 दुधारू पशु इकाई)
यह योजना छोटे और मध्यम पशुपालकों के लिए है, जो 10 दुधारू स्वदेशी उन्नत नस्ल के गोवंश की इकाई स्थापित करना चाहते हैं।
- इकाइयों की संख्या: वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 600 इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य है, प्रत्येक जनपद में 8 इकाइयाँ।
- परियोजना लागत (अनुमानित): ₹23,60,000 प्रति इकाई।
- अनुदान (सब्सिडी): इस योजना के तहत 10 स्वदेशी नस्ल की गायों (साहीवाल, गिर, थारपारकर) को प्रदेश के बाहर से खरीदने पर 50% सब्सिडी प्रदान की जाती है, जो अधिकतम ₹11,80,000 तक होगी।
अनुदान प्रक्रिया (दो चरणों में):
- प्रथम चरण: आधारभूत संरचना तैयार होने पर 25% (₹5,90,000)।
- द्वितीय चरण: गायों की खरीद और सत्यापन के बाद 25% (₹5,90,000)।
समग्र लाभ:
- उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों की उपलब्धता: किसानों को बेहतर दुग्ध उत्पादन के लिए उन्नत नस्ल की गायें खरीदने का अवसर मिलता है।
- आर्थिक सहायता: सब्सिडी और बैंक ऋण के माध्यम से वित्तीय बोझ कम होता है, जिससे योजना का लाभ उठाना आसान हो जाता है।
- रोजगार के अवसर: डेयरी इकाई की स्थापना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों को रोजगार मिलता है।
- उत्पादन लागत में कमी: वैज्ञानिक पशुपालन पद्धतियों को अपनाने से उत्पादन लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।
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नंदिनी कृषक समृद्धि योजना की पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria for Nandini Krishak Samriddhi Yojana)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को कुछ महत्वपूर्ण पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा। यह सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ सही और योग्य पशुपालकों तक पहुँचे:
- स्थायी निवास: आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थानीय निवासी होना अनिवार्य है।
- पशुपालन का अनुभव: आवेदक के पास गोपालन या महिष पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए। इसका प्रमाण संबंधित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (Chief Veterinary Officer) द्वारा जारी किया गया हो।
- भूमि की उपलब्धता:
- 25 दुधारू पशु इकाई (नंदिनी कृषक समृद्धि योजना): इकाई स्थापना के लिए लगभग 0.5 एकड़ (लगभग 2023 वर्ग मीटर) भूमि और चारा उत्पादन हेतु लगभग 1.5 एकड़ (लगभग 6070 वर्ग मीटर) भूमि उपलब्ध होनी चाहिए। यह भूमि आवेदक की स्वयं की, पैतृक, साझेदारी में, या न्यूनतम 7 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर ली गई हो, और जलभराव से मुक्त होनी चाहिए।
- 10 दुधारू पशु इकाई (मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना): आधारभूत संरचना के लिए 0.20 एकड़ (लगभग 809 वर्ग मीटर) और चारा उत्पादन के लिए 0.80 एकड़ (लगभग 3237 वर्ग मीटर) भूमि आवश्यक है। यह भी स्वयं की, पैतृक, साझेदारी या सात वर्ष के पंजीकृत अनुबंध पर होनी चाहिए और जलभराव से मुक्त हो।
- पूर्व लाभार्थी की अपात्रता: जो लाभार्थी पहले से कामधेनु, मिनी कामधेनु, माइक्रो कामधेनु, नंदिनी कृषक समृद्धि योजना या मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना जैसी किसी समान योजना का लाभ ले चुके हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि अधिक से अधिक नए लाभार्थियों को मौका मिले।
- आधार कार्ड: आवेदक के पास वैध आधार कार्ड या पहचान पत्र होना चाहिए।
- गोवंश क्रय के नियम:
- गोवंश का क्रय यथासंभव प्रदेश के बाहर से, चयनित नस्ल के ब्रीडिंग ट्रैक्ट से किया जाना चाहिए।
- प्रत्येक गोवंश का बीमा और इयर टैगिंग अनिवार्य है।
- क्रय किए जाने वाले गोवंश प्रथम या द्वितीय ब्यात (गर्भावस्था या प्रसव) के होने चाहिए, और उनका ब्यात 45 दिन से अधिक का नहीं होना चाहिए।
- गोवंश रोग मुक्त और स्वस्थ होने चाहिए।
इन पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले आवेदक ही इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं और इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए आवेदन करते समय, आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी। इन दस्तावेज़ों को पहले से तैयार रखना आपकी आवेदन प्रक्रिया को आसान और तेज़ बना देगा। यहाँ आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची दी गई है:
- पहचान प्रमाण पत्र:
- आधार कार्ड: यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है, क्योंकि यह आपकी पहचान और पते का प्रमाण होता है।
- पहचान पत्र (जैसे वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस) भी सहायक हो सकते हैं।
- निवास प्रमाण पत्र:
- यह दस्तावेज़ पुष्टि करता है कि आप उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। इसके लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, या अन्य सरकारी दस्तावेज़ मान्य हो सकते हैं।
- बैंक खाते का विवरण:
- आपकी बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, जिसमें खाता संख्या, IFSC कोड और बैंक का नाम स्पष्ट रूप से अंकित हो। सब्सिडी की राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा की जाएगी।
- पशुपालन अनुभव प्रमाण पत्र:
- संबंधित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (Chief Veterinary Officer) द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र, जिसमें आपके तीन वर्ष के पशुपालन अनुभव का उल्लेख हो।
- भूमि संबंधी दस्तावेज़:
- वह भूमि, जिस पर आप डेयरी इकाई स्थापित करना चाहते हैं और चारा उत्पादन करना चाहते हैं, उससे संबंधित दस्तावेज़। इसमें खतौनी, खसरा या पंजीकृत लीज एग्रीमेंट (Registered Lease Agreement) शामिल हो सकते हैं, जो यह दर्शाते हों कि भूमि आपकी स्वयं की है, पैतृक है, साझेदारी में है, या कम से कम 7 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर ली गई है।
- पासपोर्ट साइज फोटो:
- आवेदक की हाल की पासपोर्ट साइज रंगीन तस्वीरें।
- मोबाइल नंबर:
- एक सक्रिय मोबाइल नंबर, जो आपके आधार से लिंक हो सकता है, ताकि योजना से संबंधित अपडेट प्राप्त हो सकें।
- राशन कार्ड (यदि लागू हो):
- कुछ मामलों में राशन कार्ड की भी आवश्यकता हो सकती है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है।
- इकाई स्थापित हुई के सम्बंधित दस्तावेज़ (यदि पहले से कोई संरचना हो):
- यदि आपने पहले से कोई आधारभूत संरचना तैयार की है, तो उससे संबंधित दस्तावेज़ या तस्वीरें।
आवेदन करने से पहले सभी दस्तावेज़ों की मूल और फोटोकॉपी दोनों तैयार रखें। ऑनलाइन आवेदन करते समय आपको इन दस्तावेज़ों को स्कैन करके अपलोड करना पड़ सकता है।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (Application Process for Nandini Krishak Samriddhi Yojana)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक पशुपालक इसका लाभ उठा सकें। आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार किए जाएँगे।
चरण-दर-चरण आवेदन प्रक्रिया:
- पोर्टल पर जाएँ: सबसे पहले, आपको नंद बाबा दुग्ध मिशन के आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा। पोर्टल का लिंक है:
https://nandbabadugdhmission.up.gov.in/

- योजना का चयन करें: पोर्टल पर, “नंदिनी कृषक समृद्धि योजना” या “मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना” के विकल्प को खोजें और उस पर क्लिक करें।
- पंजीकरण (Registration): यदि आप नए उपयोगकर्ता हैं, तो आपको पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसमें आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी जैसी सामान्य जानकारी भरनी होगी। आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP (One Time Password) आएगा जिसे सत्यापित करना होगा।

- आवेदन फॉर्म भरें: पंजीकरण के बाद, आपको योजना का विस्तृत आवेदन फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म में आपकी व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षिक योग्यता, पशुपालन का अनुभव, भूमि का विवरण, और बैंक खाते का विवरण जैसी सभी आवश्यक जानकारी ध्यानपूर्वक भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: ऊपर बताए गए सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई प्रतियां (जैसे आधार कार्ड, भूमि दस्तावेज़, अनुभव प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक आदि) निर्धारित प्रारूप और आकार में अपलोड करें।
- आवेदन की समीक्षा और सबमिट: फॉर्म भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद, एक बार पूरी जानकारी की समीक्षा करें। सुनिश्चित करें कि कोई त्रुटि न हो। सब कुछ सही होने पर, आवेदन फॉर्म को सबमिट कर दें।
- आवेदन की हार्ड कॉपी जमा करें (यदि आवश्यक हो): कुछ मामलों में, ऑनलाइन आवेदन सबमिट करने के बाद, आपको भरे हुए फॉर्म और संलग्न दस्तावेज़ों की हार्ड कॉपी संबंधित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी (Chief Development Officer) या मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (Chief Veterinary Officer) कार्यालय में जमा करनी पड़ सकती है। यह जानकारी आपको ऑनलाइन आवेदन करते समय या पोर्टल पर मिल जाएगी।
- आवेदन की स्थिति ट्रैक करें: आवेदन सबमिट करने के बाद, आपको एक आवेदन संदर्भ संख्या (Application Reference Number) प्राप्त होगी। इसका उपयोग करके आप भविष्य में अपने आवेदन की स्थिति (Application Status) को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण तिथियाँ (अनुमानित):
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025-26 के लिए आवेदन आमतौर पर जुलाई से अगस्त के महीनों में आमंत्रित किए जाते हैं। जैसा कि विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिली है:
- आवेदन प्रारंभ तिथि: 14 जुलाई 2025
- आवेदन अंतिम तिथि: 13 अगस्त 2025
अतः, इन तिथियों के आसपास पोर्टल पर सक्रिय रहने की सलाह दी जाती है। नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट nandbabadugdhmission.up.gov.in
देखें।
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नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का जनपदवार लक्ष्य (District-wise Targets of Nandini Krishak Samriddhi Yojana)
उत्तर प्रदेश सरकार ने नंदिनी कृषक समृद्धि योजना और मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विस्तृत जनपदवार लक्ष्य निर्धारित किए हैं। यह लक्ष्य राज्यभर में दुग्ध उत्पादन और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक सुनियोजित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
8.1. मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (10 दुधारू गाय इकाई) का लक्ष्य:
यह योजना उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में लागू की जाएगी।
- कुल इकाइयाँ: वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेशभर में कुल 600 इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- प्रति जनपद लक्ष्य: प्रत्येक जनपद में समान रूप से 8 इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी। यह सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ राज्य के सभी कोनों तक पहुँचे और छोटे पशुपालकों को भी अवसर मिलें।
यह लक्ष्य विशेष रूप से छोटे और मध्यम स्तर के पशुपालकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिससे वे अपेक्षाकृत कम पूंजी के साथ डेयरी व्यवसाय में प्रवेश कर सकें।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (25 दुधारू गाय इकाई) का लक्ष्य:
यह योजना प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालय जनपदों को छोड़कर 57 जनपदों में लागू की जाएगी।
- कुल इकाइयाँ: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल 114 इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- प्रति जनपद लक्ष्य: प्रत्येक पात्र जनपद में 2 इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी। यह बड़े पैमाने पर डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने और उच्च उत्पादन क्षमता वाले गोवंश के संवर्धन पर केंद्रित है।
मंडल | जिले (प्रत्येक ज़िले में 2 इकाइयां) |
लखनऊ | रायबरेली, हरदोई, उन्नाव, सीतापुर, लखीमपुर खीरी |
अयोध्या | बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी |
गोरखपुर | देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज |
वाराणसी | चंदौली, गाज़ीपुर, जौनपुर |
प्रयागराज | कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर |
झाँसी | ललितपुर, जालौन |
मेरठ | बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद |
आगरा | मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी |
बरेली | बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर |
कानपुर | औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज |
मुरादाबाद | अमरोहा, बिजनौर, संभल, रामपुर |
सहारनपुर | शामली, मुजफ्फरनगर |
अलीगढ़ | एटा, हाथरस, कासगंज |
चित्रकूटधाम | बांदा, हमीरपुर, महोबा |
देवीपाटन | बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती |
बस्ती | सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर |
आज़मगढ़ | बलिया, मऊ |
मीरजापुर | सोनभद्र, भदोही |
महत्वपूर्ण दिशानिर्देश और शर्तें (Important Guidelines and Conditions)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का सफलतापूर्वक लाभ उठाने और किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए, आवेदकों को कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों और शर्तों का पालन करना होगा। ये नियम योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करते हैं:
- गोवंश का क्रय और गुणवत्ता:
- गोवंश का क्रय यथासंभव प्रदेश के बाहर से चयनित नस्ल के ब्रीडिंग ट्रैक्ट (Breeding Tract) से ही किया जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आपको उच्च गुणवत्ता वाले और सही नस्ल के पशु मिलें।
- क्रय किए गए सभी गोवंश प्रथम या द्वितीय ब्यात (Lactation) के होने चाहिए।
- पशुओं का ब्यात (प्रसव) 45 दिन से अधिक का नहीं होना चाहिए।
- सभी क्रय किए गए पशु रोग मुक्त और स्वस्थ होने चाहिए।
- पशु बीमा और इयर टैगिंग:
- क्रय किए जाने वाले प्रत्येक गोवंश का बीमा (Insurance) कराना अनिवार्य है। यह किसी भी अप्रत्याशित हानि से सुरक्षा प्रदान करता है।
- सभी गोवंश की इयर टैगिंग (Ear Tagging) होनी चाहिए। यह पशुओं की पहचान और ट्रैकिंग के लिए महत्वपूर्ण है।
- भूमि और संरचना की अनिवार्यता:
- योजना के लिए निर्धारित भूमि की उपलब्धता (0.5 एकड़ या 0.20 एकड़, इकाई के अनुसार) आवश्यक है, चाहे वह आपकी अपनी हो, पैतृक हो, साझेदारी में हो या न्यूनतम 7 वर्षों के पंजीकृत अनुबंध पर ली गई हो।
- यह भूमि जलभराव से मुक्त होनी चाहिए ताकि पशुओं के लिए एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित हो सके।
- पशु आवास के लिए मानकीकृत डिजाइन (Standardized Design) के अनुरूप शेड का निर्माण किया जाना चाहिए।
- पूर्व लाभार्थियों की अपात्रता:
- यदि आपने पूर्व में कामधेनु, मिनी कामधेनु, माइक्रो कामधेनु या मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना जैसी किसी समान सरकारी योजना का लाभ उठाया है, तो आप नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। यह प्रावधान नए पशुपालकों को अवसर देने के लिए है।
- आवेदन और चयन प्रक्रिया:
- आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से नंद बाबा दुग्ध मिशन पोर्टल पर ही स्वीकार किए जाएँगे।
- यदि आवेदनों की संख्या अधिक होती है, तो लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी (E-Lottery) प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा, जो मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा संचालित होगी।
- अनुदान की शर्तें:
- अनुदान की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी (DBT) के माध्यम से जमा की जाएगी।
- अनुदान विभिन्न चरणों में परियोजना की प्रगति के आधार पर दिया जाएगा, जैसा कि “लाभार्थी चयन प्रक्रिया और अनुदान वितरण” अनुभाग में विस्तार से बताया गया है।
- पर्यवेक्षण और सत्यापन:
- स्थापित इकाइयों और पशुओं का समय-समय पर सत्यापन (Verification) किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योजना के नियमों का पालन किया जा रहा है।
- सत्यापन समिति में पशु चिकित्सा अधिकारी शामिल होंगे।
इन दिशानिर्देशों का पालन करके आप योजना का सफल लाभ उठा सकते हैं और अपने डेयरी व्यवसाय को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कब शुरू होंगे?
उत्तर: मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025-26 के लिए आवेदन आमतौर पर 14 जुलाई 2025 से 13 अगस्त 2025 तक आमंत्रित किए जाने की संभावना है। नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक नंद बाबा दुग्ध मिशन पोर्टल देखें।
प्रश्न 2: इस योजना के तहत कितनी सब्सिडी मिलती है?
उत्तर: 25 दुधारू पशु इकाई पर परियोजना लागत का 50% (अधिकतम ₹31.25 लाख) और 10 दुधारू पशु (मिनी नंदिनी) इकाई पर परियोजना लागत का 50% (अधिकतम ₹11.80 लाख) तक का अनुदान मिलता है।
प्रश्न 3: क्या अन्य राज्यों के किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
उत्तर: नहीं, यह योजना विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के स्थानीय निवासियों के लिए है।
प्रश्न 4: योजना के तहत कौन-कौन सी गाय की नस्लें पात्र हैं?
उत्तर: साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातीरी (गंगातीरी अधिकतम 5) नस्लें इस योजना के तहत पात्र हैं।
प्रश्न 5: मुझे पशुपालन का कितना अनुभव चाहिए?
उत्तर: आवेदक को गोपालन या महिष पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए, जिसका प्रमाण मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा जारी किया गया हो।
प्रश्न 6: क्या मैं पहले से किसी सरकारी योजना का लाभार्थी हूं तो भी आवेदन कर सकता हूं?
उत्तर: नहीं, यदि आप पहले से कामधेनु, मिनी कामधेनु, माइक्रो कामधेनु या मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के लाभार्थी हैं, तो आप इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
प्रश्न 7: अनुदान की राशि कैसे और कब मिलती है?
उत्तर: अनुदान की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी (DBT) के माध्यम से किस्तों में (2 या 3 चरणों में, इकाई के अनुसार) दी जाती है, जो परियोजना की प्रगति और सत्यापन पर निर्भर करती है।
प्रश्न 8: आवेदन करने के लिए कौन-कौन से मुख्य दस्तावेज़ चाहिए?
उत्तर: आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, पशुपालन अनुभव प्रमाण पत्र, और भूमि संबंधी दस्तावेज़ मुख्य रूप से आवश्यक होते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 (Nandini Krishak Samriddhi Yojana 2025) राज्य के किसानों और पशुपालकों के लिए एक अभूतपूर्व अवसर है। यह योजना न केवल आपको उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं की डेयरी इकाई स्थापित करने में आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
चाहे आप 25 गायों वाली बड़ी इकाई स्थापित करना चाहते हों या 10 गायों वाली मिनी नंदिनी इकाई, यह योजना आपके लिए ₹11.8 लाख से लेकर ₹31.25 लाख तक की महत्वपूर्ण सब्सिडी प्रदान करती है। हमने इस पोस्ट में योजना के उद्देश्यों, विस्तृत लाभ, पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज़, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों पर विस्तार से चर्चा की है।
यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और डेयरी व्यवसाय में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, तो यह सही समय है। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना ऑनलाइन आवेदन (Nandini Krishak Samriddhi Yojana Online Apply) करके आप इस सुनहरे अवसर का लाभ उठा सकते हैं। याद रखें, सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक नंद बाबा दुग्ध मिशन पोर्टल पर विजिट करें।
यह योजना आपके सपनों को हकीकत में बदलने का माध्यम बन सकती है, जिससे आपकी आय बढ़ेगी और आप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना योगदान दे पाएंगे। आज ही आवेदन करें और एक समृद्ध भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं!