स्वदेशी ऐप्स की दहाड़: अब WhatsApp और Google Pay को मिलेगी कड़ी टक्कर!

आत्मनिर्भर भारत की सोच और डाटा प्राइवेसी को लेकर बढ़ती चिंताओं ने भारतीय डेवलपर्स को एक नई दिशा दी है। इसका नतीजा यह है कि आज देश में कई ऐसे ‘मेड इन इंडिया’ ऐप्स मौजूद हैं जो WhatsApp, Google Maps और Gmail जैसे विदेशी ऐप्स को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। ये स्वदेशी ऐप्स न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि भारतीय यूजर्स की जरूरतों और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। जोहो पे लॉन्च की तैयारी में! स्वदेशी पेमेंट ऐप फोनपे और फोनटैम को चुनौती देगा। अरट्टई चैट में सीधा पेमेंट, सुरक्षित UPI ट्रांजेक्शन। जानें फिनटेक विस्तार और भारतीय यूजर्स के लिए नई सुविधाएं। (148 अक्षर)

जोहो कॉर्पोरेशन, भारत की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी, अब उपभोक्ता भुगतान क्षेत्र में कदम रखने की तैयारी कर रही है। कंपनी जल्द ही ‘जोहो पे’ नामक नया ऐप लॉन्च करेगी, जो उसके मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ‘अरट्टई’ के साथ एकीकृत होगा। यह ऐप फोनपे, फोनटैम और गूगल पे जैसे प्रमुख UPI प्लेटफॉर्म्स को सीधी टक्कर देगा।

जल्द आ रहा है ‘जोहो पे’ (Zoho Pay)

अरट्टई की सफलता के बाद अब जोहो ने उपभोक्ता भुगतान क्षेत्र (Fintech) में भी कदम रखा है। कंपनी जल्द ही ‘जोहो पे’ (Zoho Pay) नाम से एक नया ऐप लॉन्च करेगी। यह ऐप सीधे तौर पर Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स को टक्कर देगा। जोहो कॉर्पोरेशन, भारत की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी, अब उपभोक्ता भुगतान क्षेत्र में कदम रखने की तैयारी कर रही है। कंपनी जल्द ही ‘जोहो पे’ नामक नया ऐप लॉन्च करेगी, जो उसके मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ‘अरट्टई’ के साथ एकीकृत होगा। यह ऐप फोनपे, फोनटैम और गूगल पे जैसे प्रमुख UPI प्लेटफॉर्म्स को सीधी टक्कर देगा।

जोहो पे के ज़रिए यूजर्स सुरक्षित भुगतान करने, पैसे भेजने-प्राप्त करने और तेज लेनदेन करने की सुविधा पा सकेंगे। कंपनी की बड़ी योजना यह है कि जोहो पे को अरट्टई ऐप में भी इंटीग्रेट किया जाएगा। इससे यूजर्स चैट करते-करते बिना ऐप छोड़े ही भुगतान कर पाएंगे। यह सुविधा WhatsApp Pay को कड़ी चुनौती देगी। जोहो की योजना भविष्य में ऋण, बीमा और वेल्थटेक जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार करने की है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जोहो पे एक स्टैंडअलोन ऐप के रूप में काम करेगा, जहां यूजर्स पियर-टू-पियर भुगतान, बिल पेमेंट और मर्चेंट ट्रांजेक्शन आसानी से कर सकेंगे। कंपनी के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने हाल ही में पुष्टि की कि यह ऐप फिलहाल आंतरिक टेस्टिंग में है और चरणबद्ध तरीके से लॉन्च होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ‘मेड इन इंडिया’ पेमेंट सॉल्यूशन डिजिटल इंडिया अभियान को नई गति देगा।

भारतीय UPI मार्केट, जहां फोनपे और फोनटैम का दबदबा है, अब जोहो जैसे स्वदेशी खिलाड़ियों से चुनौती महसूस कर रहा है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, UPI ट्रांजेक्शन 2025 में 150% बढ़ चुके हैं, लेकिन प्राइवेसी चिंताओं के बीच यूजर्स स्वदेशी ऐप्स की ओर रुख कर रहे हैं। अरट्टई ने हाल ही में ऐप स्टोर्स पर व्हाट्सएप को पछाड़ा, जो इस ट्रेंड का प्रमाण है।

जोहो पे न केवल तेज लेनदेन सुनिश्चित करेगा, बल्कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और जीरो थर्ड-पार्टी ट्रैकिंग के साथ यूजर प्राइवेसी को प्राथमिकता देगा। आने वाले महीनों में इसका दायरा बढ़ेगा, जिससे छोटे व्यवसायों और व्यक्तिगत यूजर्स दोनों को फायदा होगा। आत्मनिर्भर भारत की इस पहल से तकनीकी नवाचार को नया आयाम मिलेगा।

यह भी पढ़ें: स्वदेशी ऐप्स और उनके खास फीचर्स

अरट्टई (Arattai): WhatsApp का स्वदेशी विकल्प

जोहो कॉर्पोरेशन (Zoho Corporation) द्वारा विकसित अरट्टई (Arattai) एक सुरक्षित घरेलू मैसेजिंग ऐप है, जिसे WhatsApp का स्वदेशी वर्जन भी कहा जा सकता है। अरट्टई शब्द का तमिल में मतलब ‘बातचीत’ यानी चैट होता है। यह ऐप यूजर्स को सुरक्षित चैटिंग, वीडियो कॉल, फाइल शेयरिंग और कॉलिंग का अनुभव देता है। सबसे खास बात यह है कि इसका डाटा पूरी तरह से भारतीय सर्वर पर सुरक्षित रखा जाता है। यह विज्ञापन से मुक्त है, जिससे यूजर अनुभव बेहतरीन रहता है।

अरट्टई, जो 2021 में लॉन्च हुआ था, पहले से ही व्हाट्सएप का मजबूत स्वदेशी विकल्प बन चुका है। इसमें ग्रुप चैट, वीडियो कॉल और फाइल शेयरिंग जैसी सुविधाएं हैं, लेकिन पेमेंट फीचर की कमी थी। अब जोहो पे के इंटीग्रेशन से यूजर्स चैट के बीच ही पैसे भेज-भेज सकेंगे—बिना ऐप स्विच किए। यह सुविधा व्हाट्सएप पे की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और प्राइवेसी-फोकस्ड होगी, क्योंकि जोहो का डेटा भारतीय सर्वर्स पर ही स्टोर होता है।

जोहो की यह रणनीति उसके फिनटेक विस्तार का हिस्सा है। कंपनी पहले ही बी-टू-बी सेगमेंट में मजबूत है और इस साल पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस हासिल कर चुकी है। भविष्य में जोहो ऋण, बीमा और वेल्थ मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में भी उतरेगी। ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में कंपनी ने POS डिवाइसेज और QR साउंडबॉक्स लॉन्च किए, जो छोटे व्यापारियों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रहे हैं।

नेविगेशन: MapmyIndia का ‘मैपल्स’ (Mappls)

नेविगेशन के लिए भारत में गूगल मैप्स काफी लोकप्रिय है, लेकिन अब इसे MapmyIndia द्वारा विकसित भारत के अपने नेविगेशन ऐप मैपल्स (Mappls) से सीधी टक्कर मिल रही है।

Zoho Pay, MapmyIndia: स्वदेशी ऐप्स का जलवा! WhatsApp, Google Pay मेड इन इंडिया' विकल्प

मैपल्स केवल दिशा ही नहीं दिखाता, बल्कि भारतीय सड़कों, ट्रैफिक और यात्रा की असल चुनौतियों को भी बेहतर ढंग से समझता है। यह ऐप रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट्स, टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन, ईवी चार्जिंग स्टेशन, अस्पताल और पेट्रोल पंप जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।

खास फीचर्स:

  • मैपल्स पिन: सटीक लोकेशन शेयरिंग।
  • टोल और ट्रिप कॉस्ट कैलकुलेटर।
  • लाइव ट्रैफिक सिग्नल टाइमर।
  • 3D फंक्शन व्यू।
  • ग्रामीण इलाकों के लिए ऑफलाइन मैप्स डाउनलोड करने की सुविधा।

Zoho के अन्य प्रोडक्ट्स और इस्तेमाल के तरीके

बिज़नेस और मेल: जोहो ऑफिस और जोहो मेल

जोहो ऑफिस भारत का सबसे बड़ा क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर इकोसिस्टम है, जिसमें 55 से ज्यादा बिज़नेस एप्लिकेशंस शामिल हैं। यह माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस (Microsoft Office) और गूगल ड्राइव (Google Drive) के स्वदेशी विकल्प के तौर पर काम करता है। इसमें जोहो राइटर (वर्ड प्रोसेसिंग), जोहो शीट (स्प्रेडशीट) और जोहो शो (प्रेजेंटेशन टूल) जैसे कई उत्पाद शामिल हैं, जो रियल-टाइम कोलैबोरेशन की सुविधा देते हैं।

जोहो मेल (Zoho Mail)

जोहो मेल को भारत में जीमेल (Gmail) के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। यह यूजर्स को एड-फ्री एक्सपीरियंस, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और कस्टम डोमेन ईमेल की सुविधा देता है। जोहो मेल का डाटा भारत और यूरोप में मौजूद सुरक्षित सर्वर्स पर रखा जाता है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह सहित कई हाई-प्रोफाइल यूजर्स ने जीमेल से जोहो मेल पर स्विच किया है।

अन्य लोकप्रिय स्वदेशी ऐप्स

मैसेजिंग, नेविगेशन और ऑफिस सूट के अलावा भी कई अन्य भारतीय ऐप्स हैं जो अपनी पहचान बना रहे हैं, जैसे:

  • डिजीबॉक्स (DigiBoxx): क्लाउड स्टोरेज।
  • शेयरचैट (ShareChat) और मौज (Moj): सोशल नेटवर्किंग और वीडियो प्लेटफॉर्म।
  • जियो मीट (Jio Meet) और जियो चैट (Jio Chat)।

इन स्वदेशी ऐप्स ने यह साबित कर दिया है कि भारत केवल तकनीक का उपयोग करने वाला देश नहीं, बल्कि तकनीक बनाने की क्षमता भी रखता है। आने वाले वर्षों में इन ऐप्स का प्रभाव और भी बढ़ने की उम्मीद है।

AI और प्राइवेसी: एक गंभीर विषय

Filed under:AI News
Share Article:
Rajeev AI Expert
About the Author

Rajeev

Rajeev एक अनुभवी AI Expert और Digital Automation Mentor हैं, जो 2020 से AI Tools और Digital Skills पर सरल हिंदी में गाइड्स प्रदान करते हैं।

Leave a Comment

WhatsApp ग्रुप से जुड़ें!