आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में अग्रणी कंपनी ओपनएआइ (OpenAI) ने अपने लोकप्रिय चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। किशोर यूजर्स की सुरक्षा को देखते हुए कंपनी ने अब ‘पैरेंटल कंट्रोल’ (अभिभावकीय नियंत्रण) फीचर लागू कर दिया है। ChatGPT पैरेंटल कंट्रोल का यह कदम ऐसे समय में आया है जब ओपनएआइ ने हाल ही में एक बड़ी डील पूरी की है, जिससे कंपनी का मूल्यांकन $500 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ये दोनों ख़बरें ChatGPT पैरेंटल कंट्रोल $500 बिलियन के इर्द-गिर्द घूमती हैं।
किशोर सुरक्षा को लेकर OpenAI का बड़ा कदम
ओपनएआइ ने सोमवार को घोषणा की कि माता-पिता अब अपने बच्चों के चैटजीपीटी उपयोग की निगरानी कर सकेंगे। यह कदम तब उठाया गया है जब किशोर अपने स्कूल के काम, दैनिक जीवन और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए भी इस प्लेटफॉर्म की ओर तेज़ी से रुख कर रहे हैं। ChatGPT पैरेंटल कंट्रोल फीचर को एक किशोर की दुखद मृत्यु के बाद जोड़ा गया है, जिसके माता-पिता ने ओपनएआइ के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
माता-पिता अब अपने टीन अकाउंट को अपने अकाउंट से लिंक कर सकते हैं। इससे बच्चों की चैटिंग पर नजर रखना आसान हो जाएगा। अगर कोई किशोर आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने जैसी संवेदनशील बातें शेयर करता है, तो मानव मॉडरेटर पहले जांचेंगे। गंभीर स्थिति में माता-पिता को ईमेल, एसएमएस या ऐप नोटिफिकेशन के जरिए अलर्ट भेजा जाएगा।

नए ‘पैरेंटल कंट्रोल’ फीचर्स: माता-पिता के हाथ में कमान
पैरेंटल कंट्रोल लागू होने के बाद माता-पिता और किशोर दोनों के अकाउंट को लिंक करना होगा। एक बार अकाउंट लिंक होने पर, किशोर अकाउंट पर अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाएँ अपने आप सक्रिय हो जाएंगी। इन फीचर्स में संवेदनशील सामग्री पर रोक, चैटिंग की समय सीमा तय करना, डेटा सुरक्षा और वॉयस मोड व इमेज जनरेशन को डिसेबल करना शामिल है। यह ChatGPT पैरेंटल कंट्रोल सिस्टम गंभीर स्थिति में माता-पिता को तत्काल अलर्ट भी भेजेगा।
नए फीचर्स में ग्राफिक कंटेंट, वायरल चैलेंज, यौन या हिंसक रोल-प्ले को ब्लॉक करना शामिल है। माता-पिता चैटिंग की टाइम लिमिट सेट कर सकते हैं, जैसे रात 8 बजे से सुबह 10 बजे तक ऐक्सेस बंद। इसके अलावा, वॉइस मोड, इमेज जेनरेशन और बॉट की मेमोरी को डिसेबल करने का ऑप्शन भी है। बच्चों का डेटा एआई ट्रेनिंग से बाहर रखा जा सकता है।
ओपनएआई के ब्लॉग के मुताबिक, ये कंट्रोल्स सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन लिंकिंग के लिए अलग-अलग अकाउंट जरूरी। टीन यूजर्स अकाउंट अनलिंक कर सकते हैं, लेकिन माता-पिता को तुरंत सूचना मिलेगी। कंपनी ने चेतावनी दी है कि ये गार्डरेल्स पूरी तरह फूलप्रूफ नहीं हैं, इसलिए पैरेंट्स को बच्चों से ओपनएआई के हेल्दी यूज पर बात करनी चाहिए।
यह अपडेट अप्रैल में कैलिफोर्निया में 16 साल के एडम राइन की मौत के बाद आया है। उनके माता-पिता का आरोप था कि चैटजीपीटी ने लड़के को सुसाइड के तरीके बताए। अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन ने भी एआई चैटबॉट्स के बच्चों पर असर की जांच शुरू की है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पैरेंटल कंट्रोल एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन फैमिली रूल्स और जागरूकता जरूरी।
OpenAI का रिकॉर्ड $500 बिलियन का मूल्यांकन
एक अन्य महत्वपूर्ण खबर में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ओपनएआइ अब दुनिया की सबसे मूल्यवान निजी कंपनी बन गई है। कंपनी ने कर्मचारियों के शेयर निवेशकों को बेचने की एक डील पूरी की है, जिससे इसका मूल्यांकन $500 बिलियन (करीब 41.5 लाख करोड़ रुपये) हो गया है।

इस डील के साथ, ओपनएआइ ने एलन मस्क की रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स को पछाड़ दिया है। OpenAI $500 बिलियन मूल्यांकन के साथ अपने एआई टेक्नोलॉजी, जिसमें चैटजीपीटी भी शामिल है, के विकास के लिए माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, सॉफ्टबैंक और थ्राइव कैपिटल जैसे बड़े निवेशकों से अरबों डॉलर जुटा चुकी है।

दूसरी तरफ, ओपनएआई ने कर्मचारियों के शेयर सेल डील को फाइनल कर लिया, जिससे कंपनी का वैल्यूएशन 500 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। यह दुनिया की सबसे मूल्यवान प्राइवेट कंपनी बन गई, जो एलन मस्क की स्पेसएक्स (456 बिलियन डॉलर) को पीछे छोड़ चुकी है।
करीब 6.6 बिलियन डॉलर के शेयर बिक्री में सॉफ्टबैंक, थ्राइव कैपिटल और एनवीडिया जैसे निवेशक शामिल हुए। एनवीडिया ने 10 बिलियन डॉलर का इनिशियल इन्वेस्टमेंट किया, जो ओपनएआई में 2% स्टेक देता है। मार्च में 300 बिलियन से बढ़कर यह वैल्यूएशन 12 महीनों में तेजी से उछला।
माइक्रोसॉफ्ट ने 2019-2023 के बीच 13 बिलियन डॉलर निवेश किया था। हालांकि, एलन मस्क ने 2018 में कंपनी छोड़ने के बाद सैम ऑल्टमैन पर रिस्ट्रक्चरिंग रोकने के लिए मुकदमा दायर किया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2023 में कॉपीराइट उल्लंघन का केस भी किया, जिसे कंपनियां नकार चुकी हैं।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा कि यह ग्रोथ एआई टेक्नोलॉजी के भविष्य को दर्शाती है। लेकिन एक्सपर्ट्स चेताते हैं कि हाई वैल्यूएशन के बीच सेफ्टी फीचर्स पर फोकस जरूरी। कंपनी अब सॉरा वीडियो ऐप पर भी पैरेंटल कंट्रोल्स जोड़ रही है, जहां एआई-जनरेटेड कंटेंट को लिमिट किया जा सके।
