मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025: ऑनलाइन आवेदन, सब्सिडी संपूर्ण जानकारी

क्या आप उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालक या मछुआरे हैं और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं? तो मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (Mukhyamantri Matsya Sampada Yojana – MMMSY) आपके लिए उत्तर प्रदेश सरकार का एक सुनहरा अवसर है! यह योजना राज्य में मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने और मछुआरे समुदाय की आय में वृद्धि करने के लिए शुरू की गई है।

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इस विस्तृत लेख में, हम आपको मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025 से जुड़ी हर नवीनतम और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज़, योजना के प्रमुख लाभ (जैसे 40% तक का अनुदान), और आवेदन की स्थिति देखने का तरीका शामिल है। इस ब्लॉग को अंत तक ज़रूर पढ़ें ताकि आप कोई भी ज़रूरी जानकारी मिस न करें और आसानी से योजना का लाभ उठा पाएं।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना क्या है? (What is Mukhyamantri Matsya Sampada Yojana UP?)

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (MMMSY) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मत्स्य उत्पादन में वृद्धि कर मछुआ समुदाय की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से लाई गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह योजना पाँच वर्षों (वर्ष 2026-27 तक) के लिए प्रभावी रहेगी।

यह योजना विशेष रूप से उन तालाब पट्टाधारकों पर केंद्रित है जिन्हें प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के तहत अनुदान नहीं मिलता है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाना और मछुआरों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत मत्स्य पालकों को विभिन्न परियोजनाओं के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

योजना के प्रमुख घटक और लाभ

घटकविवरण
तालाब निर्माणनिजी भूमि पर तालाब निर्माण के लिए वित्तीय सहायता।
बायोफ्लोक तालाब निर्माणकम पानी में अधिक उत्पादन के लिए तकनीकी मदद।
मछली दुकान निर्माणविक्रेताओं को दुकान खोलने के लिए अनुदान।
आइस बॉक्स के साथ साइकिल/मोटरसाइकिल/थ्री व्हीलरताजी मछली बेचने के लिए आधुनिक साधन।
मछली आहार मिल एवं फीड प्लांटउच्च गुणवत्ता वाला मछली आहार उपलब्ध कराना।
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायताफ्री प्रशिक्षण एवं सेमिनार।
बीमा कवरेजमछुआरों के लिए आर्थिक सुरक्षा।
निर्यात बढ़ावामछली उत्पादों के निर्यात को समर्थन।

योजना के तहत प्रमुख परियोजनाएं जिनके लिए सब्सिडी मिलती है:

  • निजी भूमि पर तालाब निर्माण
  • बायोफ्लोक तालाब निर्माण
  • मछली दुकान निर्माण
  • साइकिल विद आइस बॉक्स
  • लाइव फिश वेंडिंग सेंटर
  • मोटरसाइकिल विद आइस बॉक्स
  • थ्री व्हीलर आइस बॉक्स
  • लघु मत्स्य आहार मिल
  • फिश फीड प्लांट
  • सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य पालन हेतु प्रथम वर्ष निवेश
  • सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना
  • निषादराज बोट सब्सिडी योजना
  • सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की योजना
  • उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष के अन्तर्गत मछली विक्रय हेतु मोपेड विद आइस बाक्स परियोजना
  • अन्तर्राज्यीय भ्रमण, दक्षता विकास, प्रदर्शनी और सेमिनारों के लिए मत्स्य पालकों, मछुआरों का प्रशिक्षण व भ्रमण कार्यक्रम

योजना का उद्देश्य और महत्व:

  • मत्स्य उत्पादन में वृद्धि: उत्तर प्रदेश में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना, खासकर पट्टे के तालाबों में, जिनकी उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य है (25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष तक)।
  • मछुआ समुदाय की आय में वृद्धि: मत्स्य पालकों और मछुआरों की आय को दोगुना करना।
  • आर्थिक सहायता और अनुदान: मत्स्य पालन से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए 40% तक का अनुदान प्रदान करना।
  • रोजगार सृजन: मत्स्य क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा करना।
  • बुनियादी ढांचे का विकास: मत्स्यपालन के लिए आवश्यक बीज बैंक, प्रयोगशालाएं, और कोल्ड स्टोरेज जैसे बुनियादी ढांचे का विकास करना।
  • प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता: मछुआरों को आधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करना।
  • पारंपरिक मत्स्य पालन को प्रोत्साहन: विशेष रूप से उन लोगों को सशक्त करना जो पारंपरिक रूप से मत्स्य पालन से जुड़े हैं।

यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और मत्स्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

सरकारी योजनाएं और महत्वपूर्ण अपडेट्स

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025: ऑनलाइन आवेदन करें, सब्सिडी व लाभ जाने

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लाभ और विशेषताएं (Benefits of MMMSY)

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना मत्स्य पालकों और मछुआरों के लिए कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है:

  • ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में प्रथम वर्ष इकाई लागत चार लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के निवेश पर 40% का अनुदान दिया जाएगा।
  • मत्स्य बीज बैंक स्थापना के लिए भी 40% का अनुदान मिलेगा।
  • यह अनुदान सामान्य वर्ग के लिए 40% तक और अनुसूचित जाति/जनजाति और महिलाओं के लिए 60% तक हो सकता है (यह प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत भी लागू है, मुख्यमंत्री योजना में नवीनतम कैबिनेट निर्णय के अनुसार 40% का स्पष्ट उल्लेख है)।
  • 4 लाख रुपये की लागत पर 1 लाख 6 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा।
  • रोजगार सृजन: योजना का एक प्रमुख उद्देश्य मत्स्य क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। इससे लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है।
  • आय वृद्धि: मछली पालन करने वाले किसानों, मछुआरों और अन्य हितधारकों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य है।
  • बुनियादी ढांचे का विकास: सरकार द्वारा मत्स्यपालन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसे कि बीज बैंक और कोल्ड स्टोरेज के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
  • योजना के तहत पहले साल 100 मछली बीज बैंक स्थापित होंगे।
  • इसके अगले पांच साल में 500 मछली बीज बैंक बनाए जाएंगे, जिससे अच्छी किस्म के मछली बीज आसानी से उपलब्ध हों।
  • प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता: मत्स्य पालकों को फ्री ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है, जो उन्हें अधिक कुशलता से काम करने में सहायता करती है।
  • निर्यात वृद्धि: योजना का लक्ष्य भारत के मत्स्य उत्पादों का निर्यात बढ़ाना है, जिसके परिणामस्वरूप देश की आर्थिक व्यवस्था में वृद्धि होगी।
  • आर्थिक सुरक्षा: मछली पकड़ने वाले जहाजों के लिए बीमा कवरेज की व्यवस्था की गई है, जो मछुआरों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
  • आधुनिक उपकरण: आइस बॉक्स के साथ साइकिल, मोटरसाइकिल, और थ्री-व्हीलर जैसे उपकरण प्रदान किए जाएंगे, जिससे मछली को ताजा रखा जा सके और दूर-दराज के क्षेत्रों में बेचा जा सके।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना: यह योजना मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और समग्र विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करती है।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए पात्रता (Eligibility for MMMSY)

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे:

  • निवास: आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  • मछुआरा समुदाय: आवेदक मछुआरा समुदाय का सदस्य होना चाहिए।
  • आयु: आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • मत्स्य पालन में अनुभव/प्रशिक्षण: आवेदक को मत्स्य पालन का अनुभव होना चाहिए या इस क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया होना चाहिए।
  • भूमि/तालाब स्वामित्व/पट्टा: आवेदक के पास मछली पालन के लिए उपयुक्त भूमि या तालाब का स्वामित्व होना चाहिए, या पट्टे पर ली गई भूमि/तालाब होना चाहिए। यह योजना विशेष रूप से ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों के धारकों के लिए है।
  • अन्य योजना का लाभ नहीं: आवेदक किसी अन्य सरकारी योजना के तहत समान लाभ प्राप्त नहीं कर रहा होना चाहिए।
  • आधार-लिंक्ड बैंक खाता: आवेदक के पास वैध आधार कार्ड और बैंक खाता होना चाहिए जो आधार से लिंक हो।
  • महिला प्राथमिकता: सरकार महिलाओं को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (MMMSY) के लिए आवश्यक दस्तावेज

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:

  • आधार कार्ड (पहचान और पते के प्रमाण के लिए)
  • वोटर आईडी कार्ड
  • पैन कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र (उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होने का प्रमाण)
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि आप अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग से संबंधित हैं)
  • भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र / तालाब का पट्टा दस्तावेज़ (लीज पर ली गई भूमि/तालाब के लिए)
  • बैंक पासबुक की कॉपी (जिसमें खाता संख्या, IFSC कोड स्पष्ट हो)
  • मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े होने का प्रमाण (यदि उपलब्ध हो)
  • सहकारी समिति या स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्यता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • हाल ही में ली गई पासपोर्ट साइज फोटो (2-3 प्रतियां)
  • मोबाइल नंबर (सक्रिय और आधार से लिंक होना चाहिए)
  • व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र (यदि मछली पालन व्यवसाय पंजीकृत है)
  • परियोजना रिपोर्ट (आपके प्रस्तावित मत्स्य पालन परियोजना का विवरण)

नोट: सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी स्वप्रमाणित (Self-Attested) होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025: आवेदन की अंतिम तिथि और महत्वपूर्ण अपडेट

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (Mukhyamantri Matsya Sampada Yojana – MMMSY) के तहत ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिए विभागीय पोर्टल http://fisheries.up.gov.in आगामी 14 अगस्त 2025 तक खुला रहेगा।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025: ऑनलाइन आवेदन करें, सब्सिडी व लाभ जाने
आवेदनतिथि
आवेदन प्रारंभ24 जुलाई 2025
आवेदन की अंतिम तिथि14 अगस्त 2025

UP Cabinet Decision: मत्स्य संपदा योजना को मंजूरी उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के क्रियान्वयन से संबंधित दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी है। इस योजना में 40 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा और यह योजना पांच वर्ष (वर्ष 2026-27 तक) के लिए प्रभावी रहेगी। कैबिनेट ने योजना के दिशा-निर्देशों में किसी भी तरह के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

ध्यान दें: यह योजना विशेष रूप से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की उस कमी को पूरा करने के उद्देश्य से लाई गई है, जिसमें ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाबों पर कोई अनुदान नहीं दिया जाता था।

ये भी पढ़ें

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? (How to Apply for MMMSY Online Registration?)

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (MMMSY) के तहत ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत आसान है। यह योजना मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और मछुआरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो नीचे दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025: ऑनलाइन आवेदन करें, सब्सिडी व लाभ जाने
  • “आवेदन करें” पर क्लिक करने के बाद आपको दो योजनाओं के विकल्प मिलेंगे:
  • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY)
  • मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (MMMSY)
  • आपको “मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (MMMSY)” पर क्लिक करना है।
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परियोजना का चयन करें:

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत कई परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। आपको अपनी आवश्यकतानुसार किसी एक परियोजना का चयन करना होगा, जैसे:

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025: ऑनलाइन आवेदन करें, सब्सिडी व लाभ जाने
  • सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य पालन हेतु प्रथम वर्ष निवेश
  • सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना
  • निषादराज बोट सब्सिडी योजना
  • और अन्य योजनाएं जैसा कि ऊपर सूची में बताया गया है।
  • चयनित परियोजना के लिए नया पंजीकरण फॉर्म खुलेगा।
  • यहां अपना नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  • दी गई जानकारी के साथ “रजिस्ट्रेशन” करें और एक यूजर आईडी व पासवर्ड बनाएं।

लॉगिन करें और आवेदन पूरा करें:

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 2025: ऑनलाइन आवेदन करें, सब्सिडी व लाभ जाने
  • बनाए गए यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करें।
  • लॉगिन करने के बाद, ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी (व्यक्तिगत विवरण, बैंक विवरण, परियोजना विवरण, आदि) सही-सही भरें।
  • सभी आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें।
  • सभी जानकारी भरने के बाद “सबमिट” बटन पर क्लिक करें।
  • आवेदन सफलतापूर्वक सबमिट होने के बाद, आपको एक आवेदन संख्या (Application Number) प्राप्त होगी। इसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रूप से नोट कर लें, जिससे आप अपनी आवेदन की स्थिति चेक कर सकें।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना स्टेटस चेक कैसे करें?

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (MMMSY) के तहत आवेदन करने के बाद, आप अपनी आवेदन की स्थिति (Mukhyamantri Matsya Sampada Yojana Status) जानने के लिए उत्सुक हो सकते हैं। अपनी आवेदन की स्थिति जानने के लिए, आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:

  • सबसे पहले, मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट http://fisheries.up.gov.in/ पर जाएं।
  • वेबसाइट पर आपको “अधिकारी लॉगिन” और “आवेदक लॉगिन” के दो विकल्प दिखाई देंगे। आपको “आवेदक लॉगिन” पर क्लिक करना होगा।
  • लॉगिन करने के लिए आपको अपना यूजर नेम (आमतौर पर आपका पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी) और पासवर्ड दर्ज करना होगा जो आपने पंजीकरण के समय बनाया था।
  • सफलतापूर्वक लॉगिन करने के बाद, आप अपने डैशबोर्ड पर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।
  • यहां आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी कि आपका आवेदन किस प्रक्रिया में है (जैसे लंबित, जाँचधीन, स्वीकृत, अस्वीकृत) और आगे की प्रक्रिया क्या है।

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में आवेदन अनुमोदन प्रक्रिया (Approval Process)

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत आवेदन करने के बाद, आपका आवेदन कई चरणों से गुजरता है। प्रत्येक चरण में संबंधित अधिकारी द्वारा जाँच और स्वीकृति दी जाती है। नीचे इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी गई है:

  • जनपदीय मत्स्य अधिकारी द्वारा आवेदन की प्रारंभिक जाँच की जाती है।
  • सभी दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि की जाती है और पात्रता मानदंडों की जाँच की जाती है।
  • यदि आवेदन सही पाया जाता है और सभी मानदंड पूरे होते हैं, तो इसे आगे की प्रक्रिया के लिए स्वीकृत किया जाता है; अन्यथा, अस्वीकृत कर दिया जाता है।
  • मत्स्य निदेशालय द्वारा परियोजना के लक्ष्यों के अनुसार, प्रत्येक जिले के लिए लाभार्थियों की सूची तैयार की जाती है।
  • लक्ष्यों के अनुरूप रैंडमाइज सूची (Randomized List) बनाई जाती है, जिससे निष्पक्ष चयन सुनिश्चित हो सके।
  • इस सूची के अनुसार लाभार्थियों का चयन किया जाता है।
  • जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति (District Level Committee) स्वीकृत आवेदनों का अंतिम अनुमोदन करती है।
  • समिति यह सुनिश्चित करती है कि सभी चयनित लाभार्थी पात्रता मानकों को पूरा कर रहे हैं और योजना के दिशानिर्देशों का पालन किया गया है।
  • जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदन के बाद, चयनित लाभार्थी को एक स्वीकृति पत्र (Approval Letter) जारी किया जाता है।
  • इसमें परियोजना की विस्तृत जानकारी, अनुमोदित अनुदान की राशि और आगे की प्रक्रिया का उल्लेख होता है।

जब चयनित लाभार्थी द्वारा अनुमोदित कार्य (जैसे तालाब निर्माण, मछली बीज बैंक की स्थापना) पूरा कर लिया जाता है, तो इसकी पुष्टि मत्स्य विभाग के अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन के माध्यम से की जाती है।

इसके बाद, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से अनुदान राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

उपयोगी टिप्स और अन्य जानकारी

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (MMMSY) उत्तर प्रदेश के मछुआरों और मत्स्य पालकों के लिए एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी अवसर है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता और अनुदान प्रदान करती है, बल्कि प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र को मजबूत करती है।

यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो 14 अगस्त 2025 की अंतिम तिथि से पहले जल्द से जल्द Mukhyamantri Matsya Sampada Yojana online registration प्रक्रिया पूरी करें। अधिक जानकारी के लिए, उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://fisheries.up.gov.in/ पर विजिट करें।

यह योजना निश्चित रूप से मत्स्य पालकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी और उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगी।